Menu
blogid : 25477 postid : 1302832

कहा हे तू

neeraj sharma
neeraj sharma
  • 5 Posts
  • 2 Comments

कहा हे तू
तुझे आना ही पड़ेगा
अपने सम्मान को बचाना ही पड़ेगा ||

कहा हे तू
क्यू छुपी बैठी हे
किस इंतज़ार म तू
अपना आँचल भिगोये बैठी हे ||

दिला अहसास इन्हे तू
हर जर्रे मे हे तू रहती
जहा तू नही
वह जहा, जंहा नहीं ||

तेरा दर्द समझ, नही सकता कोई
इनकी नियत परख सकता नही कोई ||

तुझमे हे समाया ब्रह्मांड सारा
तेरे चलने से चलता ये जंहा सारा
तुझसे ही हे अस्तितव हमारा
वरना क्या पहचान हमारी ||

क्यू मायने बादल जाते हे इनके
उम्र ढलते ढलते
क्या सागर के पानी मे भी मिठास पाते हे ये
उम्र ढलते ढलते ||

कुछ लोगो ने
बंदिशे लगा रखी ह तुझपर
रास्ते रोके ह तेरे
कुछ बंद गलियो के वास्ते ||

तुझे तोड़ने ह बंधन सब आज
हालात चाहे कैसे हो
हर मंज़िल को छूना हे तूने
इन बंदिशों को तोड़कर ||

देख आसमा भी हे कुछ कह रहा
धरती भी हे तैयार
बस देर तेरे आने की
हर मंज़िल तक जाने की ||

तेरे आहट ये समझते नही
तेरा प्यार ये समझते नही
फिर किस “सच” से मिलने की बाते ये करते है ||

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh